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मेरी राशी कौनसी हैं

हम में से कई लोग अपनी राशी जानना चाहते हैं, और सोचते हैं की इन बारह राशीयों में से मेरी कौनसी होगी? पता लगाना बहुत सरल है; आपको केवल तीन चीज़ों की जानकारी जरुरी है: आपकी जन्मतारीख (अंग्रेजी कैलेंडर अनुसार), जन्म का उचित समय, और आपका जन्मस्थान। इनके हिसाब से एक ज्योतिषी आपको कुंडली बनाकर दे सकता है। यदि आपके पास पहले बनायीं हुई कुंडली है, तो और आसान हो गया।


राशीयाँ कुल १२ होती हैं:
1) मेष 2) वृषभ 3) मिथुन 4) कर्क 5) सिंह 6) कन्या 7) तूळ 8) वृश्चिक 9) धनु 10) मकर 11) कुंभ 12) मीन
३ प्रकार की राशीयाँ प्रचलित हैं: लग्न राशी – चंद्र राशी – सूर्य राशी


अपनी कुंडली पर गौर करें, आपको “‘अथ जन्म कुंडली’ / ‘जन्म लग्न कुंडली’ – ‘लग्न कुंडली’ / ‘Ascendant chart’ / D-1” इन वाक्यों में से एक नाम की कुंडली नज़र आएगी। उसी में आपको अपनी तीनो प्रकार की राशीयाँ मिल जाएँगी।


कुंडली के १२ घरों को भाव कहा जाता है। केंद्र में जो पहला घर, कुछ शक्करपारे के आकर सा दिखे, वह लग्न भाव है। इसका विवाह वाले लग्न से कोई संबंध नहीं। उस भाव में ‘ल’ या ‘Asc ‘ लिखा होगा। इस लग्न भाव में जो नंबर हो, उसी क्रमांक की राशी को हम लग्न राशी कहेंगे। उदाहरणार्थ, यदि मेरी कुंडली के लग्न भाव में ८ लिखा हो तो मेरी लग्न राशी हुई वृश्चिक।


कुंडली में “चंद्र”, “चं” अथवा “मो” जिस क्रमांक की राशी में लिखा मिले, वह आपकी चंद्र राशी हुई। उदाहरणार्थ, मेरी कुंडली में यदि चंद्र ५ नंबर की राशी में हो, तो मेरी चंद्र राशी सिंह है।


तीसरी, सूर्य राशी का पता भी कुछ इसी प्रकार लगता है; जिस क्रमांक की राशी में “सूर्य”, “रवि”, “सू” या “र” लिखा हो, वह आपकी सूर्य राशी होगी। उदाहरणार्थ, मेरी कुंडली में सूर्य यदि ३ क्रमांक की राशी में स्थित हो तो मेरी सूर्य राशी मिथुन हुई।


सामान्य व्यक्ति इन राशीयों का कैसे उपयोग करें?
लग्न भाव की राशी हर रोज़ २ घंटों में बदलती रहती है। यदि आपको अपने जन्म के सही समय की जानकारी न हो, तो उससे फरक पड़ सकता है।


चंद्र प्रत्येक राशी में करीब २.५ दिनों के लिए होता है, और यदि आपके जन्म का समय चंद्र के बदलने के समय से दूर हो तो आपकी चंद्र राशी नहीं बदलती। टी. वी, अख़बार या मैगज़ीन में जो भविष्य बताया जाता है वह आम तौर पर आपकी चंद्र राशी को लागु होता है। एक व्यक्ति का स्वभाव हम उसकी चंद्र राशी एवं लग्न राशी से तय करते हैं, जिसके लिए आपको किसी ज्योतिष की सहायता लेना उचित होगा।


सूर्य एक राशी में ३० दिन बिताता है। उसकी स्थिति के हिसाब से आपके जन्म के महीने का सहजता से अनुमान लगाया जा सकता है। वह प्रतिमाह (अंग्रेजी महीने) के मध्य में राशी बदलता है, लगभग १३-१७ तारीख। १४-१५ जनवरी में सूर्य मकर राशी में होगा और १४-१५ फरवरी को वह कुंभ में प्रवेश करेगा। इसी प्रकार अगले महीने की राशी का अनुमान लगता है।

 

पाश्चात्य राशी और वेदिक कुंडली की चंद्र-सूर्य राशीयाँ क्या एक ही हैं?
नहीं। अंग्रेजी या पाश्चात्य ज्योतिषविद्या में राशीयों को तारीख के हिसाब से बाँटा गया है। भले ही सूर्य के राशीचक्र के भ्रमण से हम कुछ सिरे जोड़ें, बाकी पहलुओं में काफी फर्क है। चंद्र राशी तो बिलकुल ही अलग है, जो की चंद्र इतनी तेज़ी से बढ़ता है। यदि किसी की पाश्चात्य और वेदिक कुंडलियाँ सामान है तो वह केवल संयोग है।


तो देखिये आपकी चंद्र-लग्न-सूर्य राशीयाँ कौनसी हैं

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